Copyright@PBChaturvedi प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ'

शनिवार, 19 दिसंबर 2009

जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ

जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ।
मैं तो केवल इतना सोचूँ।

बालिग होकर ये मुश्किल है,
आओ खुद को बच्चा सोचूँ।


सोच रहे हैं सब पैसों की,
लेकिन मैं तो दिल का सोचूँ।

बातों की तलवार चलाए,
कैसे उसको अपना सोचूँ।

ऊपर वाला भी कुछ सोचे,
मैं ही क्योंकर अपना सोचूँ।


जो भी होगा अच्छा होगा,
मैं बस क्या है करना सोचूँ।
 

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25 टिप्‍पणियां:

  1. बालिग होकर ये मुश्किल है,
    आओ खुद को बच्चा सोचूँ।
    आपके सोच को सलाम

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  2. प्रसन्न जी,

    "ऊपर वाला भी कुछ सोचे,
    मैं ही क्योंकर अपना सोचूँ।
    जो भी होगा अच्छा होगा,
    मैं बस क्या है करना सोचूँ।"

    आप आच्छा ख़ासा सोच लेते है

    बहुत सुन्दर रचना. अति उत्तम

    आशु

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  3. सोच रहे हैं सब पैसों की,
    लेकिन मैं तो दिल का सोचूँ ...

    लाजवाब शेर है .... खूबसूरत ग़ज़ल लिखी है ..........

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  4. क्या बात है प्रसन्न साब...मजा आ गया। लाजवाब ग़ज़ल बुनी है सर। छोटी बहर पे कयामत ढ़ाते अशआर...वाह! वाह!!

    मतला तो खूब भाया ही लेकिन ये शेर लिये जा रहा हूं संग में "बालिग होकर ये मुश्किल है,
    आओ खुद को बच्चा सोचूँ" ।

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  5. सर जी मेरे ब्लॉग पर आने और एक सुंदर सी टिप्पणी के लिए धन्यवाद. वैसे मेरा भी यही सोचना है की सब कुछ मैं ही क्यों करूँ कुछ भगवान को भी कर लेना चाहिए.खली ही तो बैठे हैं .उनका भी टाइम पास हो जायेगा.पर बच्चा बनना वाकई मुश्किल काम है
    सदर रचना

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  6. बहुत दिन हुए, नई पोस्ट क्यों नही डाली आपने?

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  7. सकारात्मक रचना । जो भी होगा अच्छा होगा ।सब लोग पैसों की तरफ़ ध्यान दे मै दिल की तरफ़ । बहुत भावपूर्ण रचना है

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  8. जो भी होगा अच्छा होगा,
    मैं बस क्या है करना सोचूँ।

    bahut khoob
    बालिग होकर ये मुश्किल है,
    आओ खुद को बच्चा सोचूँ।

    badhia rachna. badhaai..

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  9. सोच रहे हैं सब पैसों की,
    लेकिन मैं तो दिल का सोचूँ।

    बातों की तलवार चलाए,
    कैसे उसको अपना सोचूँ।
    बहुत खूब सूरत सोच है । गणत्न्त्र दिवस की शुभ कामनायें

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  10. बहुत सुन्दर रचना! आपको और आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!

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  11. अद्भुत! दिल को छूते विचारों का ब्लॉग।

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  12. बहुत सुन्दर रचना
    बधाई स्वीकारें

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  13. ब्लाग पर आना सार्थक हुआ
    काबिलेतारीफ़ प्रस्तुति
    आपको बधाई
    सृजन चलता रहे
    साधुवाद...पुनः साधुवाद
    satguru-satykikhoj.blogspot.com

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  14. Chaturvedi Ji,

    Your Gazals have changed our mindset about you. Your creations are due to be composed and released. MY REQUEST : Make atleast one composition to be recorded. Out help is always for you. Let the people out of your circle listen your talent.

    Kapil

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