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कितनों का सपना बस सपना ही रह जाता है।
लक्ष्य नहीं मिलता तो सिर्फ़ तड़पना ही रह जाता है।
लक्ष्य नहीं मिलता तो सिर्फ़ तड़पना ही रह जाता है।
सोच समझकर काम करें तो सब अच्छा होता वरना,
आखिर में बस रोना और कलपना ही रह जाता है।
दौलत ख़त्म हुई तो कोई साथ नहीं फिर देता है,
पूरी दुनिया में तनहा दिल अपना ही रह जाता है।
रोज़ किताबें लिखते हैं वो क्या लिखते मालूम नहीं ?
कैसे लेखक जिनका मक़सद छपना ही रह जाता है !
ऊँचे-ऊँचे पद पर बैठे अधिकारी और ये मंत्री,
लक्ष्य कहो क्यों उनका सिर्फ हड़पना ही रह जाता है !
दुख से उबर जाऊँगा लेकिन प्रश्न ‘अनघ’ ये मथता है,
सोने की क़िस्मत में क्योंकर तपना ही रह जाता है ?
कैसे लेखक जिनका मक़सद छपना ही रह जाता है !
ऊँचे-ऊँचे पद पर बैठे अधिकारी और ये मंत्री,
लक्ष्य कहो क्यों उनका सिर्फ हड़पना ही रह जाता है !
दुख से उबर जाऊँगा लेकिन प्रश्न ‘अनघ’ ये मथता है,
सोने की क़िस्मत में क्योंकर तपना ही रह जाता है ?
Copyright@PBChaturvedi
बहुर बढिया..आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन लिखा है आपने.. चतुर्वेदी जी... हमारी बधाई..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर .....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब सुन्दर प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूबसूरत गजल ,
जवाब देंहटाएंbahut khubasurat prastuti aapki,meri hardik shubh kamanaye....
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जवाब देंहटाएं--आनंद
आभार आदरणीय-
बेहद प्रभावशाली ग़ज़ल है , बधाई स्वीकारें !!
जवाब देंहटाएंkhubsurat
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली ग़ज़ल .... बधाई...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गजल !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और बेहतरीन गजल...
जवाब देंहटाएं:-)
बहुत सुंदर गज़ल और उतनी ही खूबसूरत प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत बढ़िया |
जवाब देंहटाएंwaaaahhhh gajab ..umda gajal ..or sath hi ise apni awaz me jo apne prastuti di bahut khub .. badhayi :)
जवाब देंहटाएंवाहवाही ही काफी नहीं है इन पंक्तियों के लिए। दिल से बधाई इतनी बढ़िया प्रस्तुति के लिए।
जवाब देंहटाएंbahut sundar prastuti.. uttam rachna. badhai sweekar karein
जवाब देंहटाएंbahut sunder gazal aur gayki ka kya kahna
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai
rachana
behtareen gazal bhi aur gayak bhi
जवाब देंहटाएंचतुर्वेदी जी ! बहुत खुबसूरत ग़ज़ल \आपकी गायकी भी बहुत सुन्दर है !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ग़ज़ल और प्रस्तुति ......
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंलाजवाब गज़ल ... और आवाज़ जो बस मज़ा ही आ गया ...
जवाब देंहटाएंकमाल है ...
sundar gazal or mohak prastuti....
जवाब देंहटाएंवास्तव में जादू के पल
जवाब देंहटाएंdil ke bhawon ki prastuti ne dil ko gadgad kar diya ....
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा ग़ज़ल और उसकी ख़ूबसूरत प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ग़ज़ल आदरणीय
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ग़ज़ल..... प्रभावी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबौट उम्दा और लाजवाब !
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक और खरी रचना ....
जवाब देंहटाएंwah bhai chaturvedi ji maine gajal suni
जवाब देंहटाएंप्रसन्न बदन जी आपकी ग़ज़ल आदमी को वाकई सोचने पर मज़बूर करती है।
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