जो है सच्ची वही खुशी रखिए।
सीधी-सादी सी ज़िन्दगी रखिए ।
जो बुरे दिन में काम आते हों,
ऐसे लोगों से दोस्ती रखिए।
वक्त जब भी लगे अंधेरे में,
साथ यादों की रौशनी रखिए।
ग़म ये कहना सभी से ठीक नहीं,
राज अपना ये दिल में ही रखिए।
चीज कोई जो तुमको पानी हो,
चाहतों में दीवानगी रखिए।
दोस्ती दुश्मनी न बन जाये,
अपने काबू में दिल्लगी रखिए।
लुत्फ़ तब दुश्मनी का आयेगा,
साथ कांटों के फूल भी रखिए।
देवता आप मत ‘अनघ’ बनना,
आप अपने को आदमी रखिए।
Copyright@PBChaturvedi