कुछ बुरे हैं कुछ भले किरदार हैं |
इस जहाँ में फूल हैं कुछ खार हैं |
आप कीचड़ में न पत्थर फेकिए,
राजनीतिक चोट के आसार हैं |
कम पढ़े जो काम करते हैं बहुत,
जो पढ़े हैं काम से लाचार हैं |
चैन से वो झोपड़ी में सो गए,
जागते वो,जिनके बंगले,कार हैं |
मृग ने शावक से कहा जाना नहीं,
उस तरफ इंसान हैं, खूंखार हैं |
असलियत में मित्र कोई भी नहीं,
फेसबुक पर सैकड़ों हैं, हज़ार हैं |
जोड़ने को जब बहुत से एप्स हैं,
तब बिखरने क्यों लगे परिवार हैं |
( काव्योदय के फ़िलबदीह 140 से हासिल )
इस जहाँ में फूल हैं कुछ खार हैं |
आप कीचड़ में न पत्थर फेकिए,
राजनीतिक चोट के आसार हैं |
कम पढ़े जो काम करते हैं बहुत,
जो पढ़े हैं काम से लाचार हैं |
चैन से वो झोपड़ी में सो गए,
जागते वो,जिनके बंगले,कार हैं |
मृग ने शावक से कहा जाना नहीं,
उस तरफ इंसान हैं, खूंखार हैं |
असलियत में मित्र कोई भी नहीं,
फेसबुक पर सैकड़ों हैं, हज़ार हैं |
जोड़ने को जब बहुत से एप्स हैं,
तब बिखरने क्यों लगे परिवार हैं |
( काव्योदय के फ़िलबदीह 140 से हासिल )
Copyright@PBChaturvedi
lajawab
जवाब देंहटाएंबेटे ने बहुत मीठी आवाज़ में रचना को पढ़ा, उसे आशीष. सुन्दर रचना के लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर - वाह - जय हो
जवाब देंहटाएंमतदान कर दिया हमने कल...
जवाब देंहटाएंसुंदर आह्वान, मतदान जरूर करें और अच्छे को और सच्चे को चुनें...बेटे को खूब सारा प्यार और आशीष ...
जवाब देंहटाएं☆★☆★☆
प्रांचन प्रणव चतुर्वेदी जी
वाह ! वाऽह…!
आप तो अभी से इतने हुनरमंद हैं ...
पापाजी से भी अधिक नाम करेंगे आप !
सावधान हो जाइए आदरणीय प्रसन्न बदन चतुर्वेदी जी
:)
शानदार
सुंदर रचना के लिए बाप-बेटे दोनों को साधुवाद
आपकी लेखनी से सदैव सुंदर श्रेष्ठ सार्थक सृजन होता रहे...
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
मंगलकामनाओं सहित...
-राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत सुन्दर और प्रभावपूर्ण
जवाब देंहटाएंमन को छूती हुई
उत्कृष्ट प्रस्तुति
आग्रह है----
और एक दिन
बहुत सुंदर प्यारभरा आदेश।
जवाब देंहटाएंसुंदर आह्वान, मतदान जरूर करें
जवाब देंहटाएंये ऐसा पर्व है जो सभी को मनाना चाहिए ... अपनी आहुति जरूर डालनी चाहिए इस यग्य में ....
जवाब देंहटाएंसार्थक
जवाब देंहटाएं