तेरी नाराज़गी का क्या कहना ।
अपनी दीवानगी का क्या कहना ।
कट रही है तुझे मनाने में,
मेरी इस जिंदगी का क्या कहना ।
तेरी गलियों की खाक छान रहा,
मेरी आवारगी का क्या कहना ।
तेरी मुस्कान से भरी महफ़िल,
मेरी वीरानगी का क्या कहना ।
जान पर मेरे बन गई लेकिन,
तेरी इस दिल्लगी का क्या कहना ।
तूने ठुकरा दिया मुहब्बत को,,
तेरी इस सादगी का क्या कहना ।
कोशिशें सब ‘अनघ’ हुयी जाया,
ऐसी बेचारगी का क्या कहना ।
Copyright@PBChaturvedi
अच्छी ग़ज़ल है.
जवाब देंहटाएंbahut achchi.
जवाब देंहटाएंkyaa baat hai panditjee ! ahaa !! hum kaayal ho gaye saaheb. bahut khoob. jald hee Jabalpur pahunch kar aapase miltaahoon. abhee poona main hoon, vakeel saheb. hamaare dost hue jee aap ab. door rahane kee kosshish naa keejiyeegaa ab humse. haa haa. badhaai is sundar rachna ke liye, bahut bahut.
जवाब देंहटाएं... बहुत सुन्दर !!!!
जवाब देंहटाएंbahut sundar boss.
जवाब देंहटाएंis gazal ko padhkar dil roomani sa ho gaya .. behatreen lekhan . yun hi likhte rahe ...
badhai ...
dhanywad.
vijay
pls read my new poem :
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/05/blog-post_18.html
bahut achhi rachana hai..
जवाब देंहटाएंbahut bahut dhanyavaad aisi kriti k liye
apki is rachna ka kya kahna
जवाब देंहटाएंpadega hame chup rahna
nahi kah payenge kuch bhi
apke andaz ka kya kahna
apkee rchnayen vakai achchhee hain chaturvedee jee .
जवाब देंहटाएंलाजवाब लिखा है आपने, "तेरी गलियों की खाक छान रहा,
जवाब देंहटाएंमेरी आवारगी का क्या कहना |।और जब इस स्थिति से गुजरते हैं, तो लगता है मेरे लिए ही लिखा है |
क्या खूब लिखा आपने,
जवाब देंहटाएंआपके लेखनी का क्या कहना
Vah kya khub likha hai aapne , really great, Nice poem...
जवाब देंहटाएंRegards..
DevPalmistry
sabhi gazhlen padhi janab,, aap bahut lajwab likhte hain. badhai.
जवाब देंहटाएंइतनी आसानी से मना करना,
जवाब देंहटाएंतेरी इस सादगी का क्या कहना ।
वाह वाह भाई बहुत सुंदर.
मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे
आप लिख ही नहीं रहें हैं, सशक्त लिख रहे हैं. आपकी हर पोस्ट नए जज्बे के साथ पाठकों का स्वागत कर रही है...यही क्रम बनायें रखें...बधाई !!
जवाब देंहटाएं___________________________________
"शब्द-शिखर" पर देखें- "सावन के बहाने कजरी के बोल"...और आपकी अमूल्य प्रतिक्रियाएं !!
तेरी मुस्कान से भरी महफ़िल,
जवाब देंहटाएंमेरी वीरानगी का क्या कहना ।
lazabaab
kyaa likhaa hai ji aapne..
जवाब देंहटाएंnaaraazgi mein bhi..
teri muskaan se bhari mahfil,,,
meri viraangi kaa kyaa kahnaa
बहोत पसंद आयी ये रचना. किसीकी बेरुखी और लिखने वाले की बेताबी का अहेसास होता है...
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