Copyright@PBChaturvedi प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ'

सोमवार, 21 जनवरी 2013

किसने की है घात न पूछो

       मित्रों, छोटी बहर की ग़ज़लें मुझे बहुत पसन्द हैं; कहना भी और पढ़ना या सुनना भी। आज छोटी बहर की ये ग़ज़ल प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि ये आप को पसन्द आयेगी। है न..........!

दर्दे-दिल की बात न पूछो।
क्यों ज़ख्मी जज़्बात न पूछो।
 
घावों को मत और कुरेदो,
कैसे खाई मात न पूछो |

दिल की बेताबी कैसी है,
क्यों बेचैन है रात न पूछो।


देने वाला अपना ही था,
दी किसने, सौगात न पूछो।

बिन बादल के क्यों होती है,
अश्कों की बरसात न पूछो।


मजबूरी में ठीक कहूँगा,
कैसे हैं हालात न पूछो।
 
 
आज 'अनघ' गमगीन बहुत है,
आज तो कोई बात न पूछो।

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  गीत ग़ज़ल की दुनियाँ में इस बार देखें-
बनारस के श्री विन्ध्याचल पाण्डेय की रचनाएं ....

29 टिप्‍पणियां:

  1. मजबूरी में ठीक कहुँगा, कैसे हैं हालात न पूछो, दिल में छिपे दर्द की सटीक अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  2. कैसे कटेगी आज की रात ....
    आज तो ऐसी बात न पूछो ???

    चलो ..मुबारक कबूलें :-)
    शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूब ... छोटी भर में आप कमाल करते हैं ...
    बिन बादल की बरसात ... अश्कों की बरसात .... वाह लाजवाब शेर ....

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  4. "मजबूरी में ठीक कहूंगा ,

    कैसे हैं हालात न पूछो .

    देने वाला अपना ही था ,

    किसने दी सौगात न पूछो ."

    -प्रसन्न वदन चतुर्वेदी

    शिंदे -,दिग्विजयों की ,अब औकात न पूछो ,

    बद्जातों की कौम न पूछों

    पुरखों का इनके इतिहास न पूछों .

    एक प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट :

    किसने की है घात न पूछो

    http://pbchaturvedi.blogspot.in/

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  5. .आभार

    आपकी महत्वपूर्ण टिप्पणियों का .

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  6. देने वाला अपना ही होता है ,
    गैरों को क्या पता किससे घात होता है !!
    छोटे भाई !पूछे नहीं तो सच में सब ठीक कैसे होगा ??

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत अच्छी ग़ज़ल आपकी
    कितनी अच्छी! ये न पूछो।

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  8. आपका सोचना सही था ...वाकई बहुत पसंद आयी आपकी रचना

    जवाब देंहटाएं
  9. खुद बेहतरीन गजल कहतें हैं .कद्र दान हैं आप .शुक्रिया आपकी सहज टिपण्णी का .मुबारक गणतंत्र आपको भी .

    जवाब देंहटाएं
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  11. मजबूरी में ठीक कहूंगा, कैसे हैं हालात न पूछो......बहुत खूब।

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  12. वाह .बहुत ही प्रभावशाली अभिव्यक्ति. हार्दिक आभार .

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  14. देने वाला अपना ही था ,
    किसने दी सौगात न पूछो ."


    सभी शेर बहुत उम्दा हैं
    कैसी ग़ज़ल ये न पूछो ....:))

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  15. मजबूरी में ठीक कहूँगा
    कैसे हैं हालात न पूछो

    बहुत सुन्दर और भावपूर्ण, शुभकामनाएँ.

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  16. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  17. किसने दी है घात न पूछो..
    कैसे खाई मात न पूछो...!

    बहुत खूब...
    हाल मेरा न पूछिये साहेब..
    घात वाले पीछे से वार करते हैं...

    जवाब देंहटाएं