प्रसन्नवदन 'अनघ' की ग़ज़लें
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Copyright@PBChaturvedi प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ'
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शनिवार, 23 मार्च 2019
एक ग़ज़ल-प्रसन्न वदन चतुर्वेदी
प्रस्तुत है मेरी आवाज़ में मेरी ये ग़ज़ल...
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जो जहाँ है परेशान है
आज एक ग़ज़ल प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसे आप अवश्य पसन्द करेंगे, ऐसी आशा है... जो जहाँ है परेशान है । इस तरह आज इन्सान है। दिल में इक चोट गहरी-सी ...
जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ
मित्रों ! एक पूर्वप्रकाशित रचना अपनी आवाज में प्रस्तुत कर रहा हूँ , इस रचना का संगीत-संयोजन और चित्र-संयोजन भी मैंने किया है | आप से अनुरोध ...
औरों से तो झूठ कहोगे
प्रस्तुत है एक आत्मविश्लेषणात्मक ग़ज़ल ( बहर :- फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फा ) :- औरों से तो झूठ कहोगे , ख़ुद को ...